गोरखपुर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा संग्रहालय के 39 वां स्थापना दिवस समारोह‘ का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का औपचारिक शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रोफेसर जय प्रकाश सैनी, माननीय कुलपति, मदन मोहन मालवीय, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा दीपप्रज्ज्वलन के साथ किया गया। उक्त अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राजवन्त राव, अधिष्ठाता, कला संकाय, दीनदयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा विशिष्ट अतिथि श्री जे0पी0 शर्मा, पूर्व संयुक्त सचिव, उ0प्र0 शासन-बुद्ध के पद चिन्ह विषयक प्रदर्शनी के दानदाता/वरिष्ठ फोटोग्राफर लखनऊ एवं टेराकोटा कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक श्री शिव प्रसाद प्रजापति, आजमगढ़ एवं सह प्रशिक्षक श्री अनिल प्रजापति की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन श्री टआर0जे0 अनुराग ने किया। संग्रहालय की ओर से मुख्य अतिथि, अति विशिष्ट अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर श्री गजेन्द्र सिंह एवं श्री बेचन गौड़ द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत विगत दो वर्षों में संग्रहालय द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर के अद्वितीय उपलब्धियों एवं रचनात्मक कार्यक्रमों से गोरखपुर में संग्रहालय की पहचान स्थापित करने पर विशेष गीत प्रस्तुत किया। संग्रहालय के उप निदेशक डॉo यशवन्त सिंह राठौर द्वारा संग्रहालय की स्थापना से लेकर वर्तमान तक संग्रहालय की गतिविधियों एवं प्रयासों सहित वर्तमान में युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने एवं अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के प्रयास के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए कार्यक्रम का विस्तार पूर्वक परिचय प्रस्तुत किया गया।
संग्रहालय एवं श्री जे0पी0 शर्मा की मध्य एम0ओ0यू0 निष्पादन- उक्त अवसर पर सर्वप्रथम एम0ओ0यू0 कार्यक्रम के अन्तर्गत श्री जे0पी0 शर्मा द्वारा दान के रूप में इस संग्रहालय को प्रदत्त बुद्ध के पदचिन्ह से सम्बन्धित लगभग 40 वर्ष पूर्व कैमरे में कैद किये गये अद्भूत फोटोग्राफ्स की प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री जय प्रकाश सैनी जी द्वारा किया गया। प्रदर्शनी का अवलोकन करने के उपरान्त उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि मुझे पहली बार बौद्ध संग्रहालय आने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि मैं संग्रहालय में प्रदर्शित भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े बौद्ध स्थलों की अद्भूत छवियों को देखकर अभिभूत हूॅं। प्रदर्शनी में लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा, कौशाम्बी, राजगीर, वैशाली, नालन्दा, सॉंची आदि पुरात्विक बौद्ध स्थलों के छायाचित्र उल्लेखनीय है।
आजमगढ़ (निजामाबाद) की टेराकोटा कला प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ- उक्त अवसर पर सात दिवसीय आजमगढ़ (निजामाबाद) की टेराकोटा कला प्रशिक्षण कार्यशाला का आज दिनांक 04 मई, 2025 को शुभारम्भ हुआ, जिसका समापन प्रदर्शनी के साथ दिनांक 10 मई, 2025 को सम्पन्न होगा। उक्त प्रशिक्षण एवं कार्यशाला के बारे में विषय विशेषज्ञ डॉ0 राजवन्त राव ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यह कला सिद्धार्थनगर के किसी एक जिले में आज भी जीवित है। किन्तु उस घर के कलाकार अपने घर की बेटियों को उक्त कला की जानकारी इसलिए नहीं देना चाहते हैं कि उस कला को और लोग जान जायेेंगे, तो हमारा महत्व घट जायेगा। आज संग्रहालय द्वारा आयोजित इस अद्भूत कला को सरकारी बैनर तले युवा पीढ़ी को सिखाने एवं प्रशिक्षित करने के प्रयास की सराहना करते हुए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।
रूट्स ऑफ बुद्धिज्म पोस्टर विमोचन- उक्त अवसर पर संग्रहालय द्वारा द्वितीय ऑल इण्डिया फोटोग्राफी रूट्स आफ बुद्धिज्म के पंजीयन पोस्टर का विमोचन भी किया गया। जिसके अन्तर्गत दिनांक 04 मई, 2025 से 30 सितम्बर, 2025 तक विभिन्न ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक बौद्ध स्थलों के विशेष फोटोग्राफ की प्रविष्टियां राष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रित की गयी हैं, जिसका उपयोग भविष्य में संग्रहालय द्वारा आयोजित विभिन्न अवसरों पर प्रदर्शनी एवं शोध कार्य के लिए किया जायेगा।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर जय प्रकाश सैनी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि यथाशीघ्र राजकीय बौद्ध संग्रहालय से जुड़कर विभिन्न कार्यशालाओं के सम्बन्ध में हमारा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कार्यवाही करेगा। जिसके अन्तर्गत तकनीकी शिक्षा का संग्रहालय की विभिन्न गतिविधियों में उपयोग भी किया जा सकेगा।
उक्त अवसर पर डिस्काउन्ट बुक स्टोर्स, गोरखपुर के प्रबन्ध निदेशक श्री सौरभ सिंह सहित डॉ0 ललित मोहन, श्री भास्कर विश्वकर्मा, दिलनूर फातिमा, मीना कुमारी, दिव्या भारती, उदयशील, एरिका वर्धन, अमृता सिंह, संजीव विनयशील, अनमोल द्विवेदी, अंबिका प्रकाश उदय चौहान, साधना त्रिपाठी, तृप्ति शर्मा, आरती प्रभा, विशाल भारती, अंशिका निषाद, अंजली कुमारी सविता किशोर आदि गणमान्य जन की उपस्थिति रहे।